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SCHOOL DIARIES : मेरे नये दोस्त

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मेरी मम्मी ने आज दो परांठे देकर कहा कि बेटा भूख लगे तो खा लेना, वरना सुहान को खिला देना. कितना मजेदार है न, कि मेरे नये दोस्त को वे जानने लगी हैं.

प्रिया ने आठ बजे ही अपना मामूली होमवर्क पूरा कर लिया. वह तो टीवी देखने बैठ गयी. मैं बेचारा, वक्त का मारा दूसरे कमरे में बैठकर अपना मैथ्स का काम करता रहा. लेकिन नौ बजे तक मैंने पहला चैप्टर खत्म किया.

स्कूल में टीचर मेरा नाम भूल गयी. जबकि उन्होंने कल तीन बार मेरा नाम पुकारा था. उन्हें मैं मौसम के मुताबिक भीगे हुए और छिलके उतरे हुए बादाम खाने की सलाह दूंगा.

मनीष लंच में बैंगन का भर्ता खा रहा था, जो मेरा फेवरेट है. मुझे और सुहान को अपनी ओर ललचायी नज़रों से देखने के कारण उसने हमें थोड़ा हिस्सा दिया. बदले में मैंने उसे परांठा और नींबू का मीठा अचार दिया. सुहान ब्रेड रॉल लाया था जिनकी संख्या आठ थी. साथ में ढेर सारा सॉस भी था. यम् यमी...

ऐसा यादगार लंच मुझे पहले नसीब क्यों नहीं हुआ. मेरे दोस्तो तुम पहले कहां थे?

आज के लिये इतना ही.

नमस्ते.

आपका मनू.

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SCHOOL DIARIES : मेरे नये दोस्त SCHOOL DIARIES : मेरे नये दोस्त Reviewed by Harminder Singh Chahal on April 07, 2016 Rating: 5
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